संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, और अव्यय किसे कहते है|

   


संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, और अव्यय किसे कहते है|



| पद व्याख्या |


व्याकरण के अंतर्गत केवल सार्थक शब्दों के विषय में विचार किया जाता है|

 | 1. शब्द भेद |


सार्थक शब्दों के निम्न पांच भेद किए गए हैं -

1. संज्ञा (Noun) - किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु एवं भाव के नाम को संज्ञा कहते हैं। जैसे- बालक, नगर, कुर्सी सुंदरता, मोहन, भोपाल आदि।


2. सर्वनाम (Pronoun) - वे शब्द सर्वनाम कहलाते हैं, जिन्हें संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किया जाता है। जैसे- पिताजी ने राजू से कहा कि तुम अपनी कमीज क्यों नहीं पहनते?

यहां तुम सर्वनाम है क्योंकि इसका प्रयोग राजू के स्थान पर हुआ है।


3. विशेषण (Adjective)- संज्ञा अथवा सर्वनाम की विशेषता प्रकट करने वाले शब्द विशेषण कहलाते हैं।


विशेष - विशेषण द्वारा जिस संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता प्रकट की जाती है, उसे विशेष्य कहते हैं।

जैसे- पीला कपड़ा ,मोटा लड़का, पांच पंच।

 इन उदाहरणों में पीला, मोटा, और पंच विशेषण है तथा कपड़ा, लड़का और पंच विशेष्य है।


4. क्रिया (Verb)- जो शब्द किसी काम का करना या होना बताते हैं, उन्हें क्रिया कहते हैं, जैसे नरेश पत्र लिखता है। वर्षा हो रही है। इन वाक्यों में 'लिखता है', 'हो रही है' शब्द क्रियाएं हैं।


5. अव्यय (indeclinable) - जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक, काल आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता, उन्हें अव्यय कहते हैं। जैसे- हाय, आह, धीरे, और, यथा, एवं, क्योंकि आदि।


नोट :- 

  • ‌संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया में लिंग, वचन , कारक, काल आदि के कारण परिवर्तन होता है। 
  • ‌काल के कारण केवल क्रिया में परिवर्तन होता है। 
  • ‌कारक कारण केवल संज्ञा, सर्वनाम एवं विशेषण में परिवर्तन होता है।


|संज्ञा के भेद|

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हिंदी में संज्ञा के तीन भेद माने जाते हैं -


जातिवाचक संज्ञा (Common Noun) - जिस संज्ञा के द्वारा एक प्रकार की अनेक वस्तुओं, व्यक्तियों, स्थानों, पदार्थों आदि का बोध हो उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं। 

जैसे - मनुष्य, नगर, पुस्तक ।


व्यक्तिवाचक संज्ञा (Proper Noun) - जिस संज्ञा के द्वारा एक ही स्थान, व्यक्ति या पदार्थ का ज्ञान हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं ।

जैसे - नारायण, जबलपुर, सूरसागर ।

विशेष - कभी-कभी जातिवाचक संज्ञा और व्यक्तिवाचक संज्ञा एक दूसरे का अर्थ देने लगती है। जैसे - गांधी शब्द जातिवाचक संज्ञा है।
गांधी गोत्र का प्रत्येक व्यक्ति अपने को गांधी कहता है, पर गांधी शब्द "मोहनदास करमचंद गांधी" के लिए प्रसिद्ध होने से व्यक्तिवाचक संज्ञा बन गया है। बीरबल शब्द व्यक्तिवाचक संज्ञा है, पर किसी हाजिर जवाब व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होने से वह जातिवाचक संज्ञा बन जाता है|

जैसे- रामकिशन हमारी कक्षा का बीरबल है, यहां बीरबल शब्द का अर्थ है - तुरंत उत्तर देने में कुशल।

भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun) - गुण, दशा, स्वभाव आदि का ज्ञान कराने वाली संज्ञा भाववाचक संज्ञा कहलाती है।
 जैसे- मधुरता, यौवन, सज्जनता, भाग-दौड़ आदि।


शब्द बनी हुई भाववाचक संज्ञा
जातिवाचक संज्ञा शिशु- शिशुता, जानवर-जानवरपन
सर्वनाम अपना-अपनापन, पर- परता
विशेषण दुबला-दुबलापन, मधुर-मधुरता
क्रिया चलना-चाल , लिखना-लिखावट

भाव वाचक संज्ञायें प्राय: निम्नलिखित के नाम होती है -

गुण           -      सुंदरता, सज्जनता, उदारता, भलाई 
अवगुण      -       कुरूपता, दुष्टता, कंजूसी, बुराई 
रोग           -       हैजा, चेचक, मलेरिया 
मनोभाव    -      उत्साह, साहस, करुणा, दया 
विद्या         -    ज्योतिष, आयुर्वेद, गणित, व्याकरण 
कार्य         -      लिखाई-पढ़ाई, मार-पीट, भाग - दौड़ 

अंग्रेजी में संज्ञा के पांच भेद किए जाते हैं शेष दो नाम Collective Noun (समूह वाचक संज्ञा ) और Material Noun (धातु  वाचक संज्ञा ).

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