| हिन्दी व्याकरण - काल |What is tense in hindi | kal kya hote hai hindi vyakaran| hindi vyakaran kal
| काल |
काल से यह पता चलता है कि काम बीते हुए समय में हुआ , चालू समय में हो रहा है या आने वाले समय में होगा।
काल के तीन भेद होते हैं-
( 1 ) वर्तमान काल ( Present Tense )
जिस क्रिया का व्यापार चालू समय में होता है , उसे वर्तमान काल कहते हैं ।
जैसे- बालक पुस्तक पढ़ता है।
वर्तमान काल के चार भेद होते हैं|
( क ) सामान्य वर्तमान ( Present Indefinite ) -
क्रिया का वह रूप सामान्य वर्तमान काल कहलाता है , जिससे उसका वर्तमान समय में होना ज्ञात हो ।
जैसे- दिनेश पत्र लिखता है ।
( ख ) पूर्ण वर्तमान ( Present Perfect ) -
क्रिया का वह रूप पूर्ण वर्तमान कहलाता है , जिससे क्रिया का वर्तमान काल में पूर्ण होना जान पड़े ।
जैसे - दिनेश पत्र लिख चुका है।
( ग ) अपूर्ण वर्तमान ( Present Continuous ) -
क्रिया का वह रूप अपूर्ण । वर्तमान कहलाता है , जिससे पता चले कि क्रिया अभी पूरी नहीं हुई ।
जैसे - दिनेश पत्र लिख रहा है ।
( घ ) संदिग्ध वर्तमान ( Present Perfect Continuous ) - क्रिया के जिस रूप से उसके वर्तमान काल के पूर्ण होने में सन्देह जान पड़े , उसे संदिग्ध वर्तमान कहते हैं|
जैसे – दिनेश पत्र लिखता रहा है|
( 2 ) भूतकाल ( Past Tense )
क्रिया का वह रूप भूतकाल कहलाता है , जिससे उसका होना बीते हुए समय में जान पड़े ।
जैसे- बालक पुस्तक पढ़ता था ।
भूतकाल के छ : भेद होते हैं -
( क ) सामान्य भूत ( Past Indefinite ) -
क्रिया के जिस रूप से उसका होना साधारणतया बीते समय में मालूम होता हो , उसे सामान्य भूत कहते है । जैसे – दिनेश पत्र लिखता था ।
( ख ) आसन्न भूत -
क्रिया के जिस रूप से उसका होना वर्तमान काल के समीप ही जान पड़े , उसे आसन्न भूत कहते हैं ।
जैसे – दिनेश ने पत्र लिखा है ।
( ग ) पूर्ण भूत ( Past Perfect ) -
जिस रूप से यह मालूम हो कि क्रिया बीते हुए समय में समाप्त हो चुकी है , उसे पूर्ण भूत कहते हैं ।
जैसे - दिनेश पत्र लिख चुका था ।
( घ ) अपूर्ण भूत ( Past continuous ) -
क्रिया के जिस रूप से कार्य का बीते समय में चालू रहना पाया जाये , उसे अपूर्ण भूत कहते हैं ।
जैसे – दिनेश पत्र लिख रहा था ।
( ङ ) संदिग्ध भूत ( Past Perfect Continuous ) -
क्रिया का वह रूप संदिग्ध भूत कहलाता है , जिससे क्रिया के भूतकाल में पूर्ण होने में सन्देह हो ।
जैसे – दिनेश पत्र लिखता रहा था ।
( च ) हेतुहेतुमद्भूत -
क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि यदि हेतु का अभाव न होता तो क्रिया भूतकाल में पूर्ण हो जाती , उसे हेतुहेतुमद्भूत कहते हैं|
जैसे- मैं परिश्रम करता तो परीक्षा में पास हो जाता ।
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( 3 ) भविष्यत् काल ( Future Tense )
क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में कार्य का होना ज्ञात हो , उसे भविष्यत् काल कहते हैं ।
जैसे- बालक पुस्तक पढ़ेगा।
भविष्यत् काल के 6 भेद होते हैं-
( क ) सामान्य भविष्यत् ( Future Indefinite )-
क्रिया का वह रूप सामान्य भविष्यत् कहलाता है, जिससे क्रिया का साधारणतया आने वाले समय में होना मालूम हो।
जैसे - दिनेश पत्र लिखेगा ।
( ख ) आसन्न भविष्यत् -
क्रिया के जिस रूप से कार्य वर्तमान के समीप वाले भविष्य में होता जान पड़े , उसे सामान्य भविष्य कहते हैं।
जैसे – दिनेश पत्र लिखने वाला है। या दिनेश पत्र लिखने जा रहा है।
( ग ) पूर्ण भविष्यत् ( Future Perfect ) -
क्रिया के जिस रूप से काम का भविष्य में पूर्ण होना मालूम हो , उसे पूर्ण भविष्यत् कहते हैं ।
जैसे – दिनेश पत्र लिख चुका होगा ।
( घ ) अपूर्ण भविष्यत् ( Future Continuous ) -
क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में कार्य चालू मालूम हो , उसे अपूर्ण भविष्यत् कहते हैं ।
जैसे - दिनेश पत्र लिख रहा होगा ।
( ङ ) सम्भाव्य भविष्यत् -
क्रिया का वह रूप सम्भाव्य भविष्यत् कहलाता जिससे कार्य के भविष्यत् काल में होने की सम्भावना हो ।
जैसे - शायद दिनेश पत्र लिखे ।
( च ) हेतुहेतुमद् भविष्यत्-
जब क्रिया का भविष्यत् काल में होना किसी शर्त या कारण के साथ जान पड़े तो उसे हेतुहेतुमद् भविष्यत् कहते हैं ।
जैसे– यदि तुम ठीक से पढ़ोगे तो पास हो जाओगे ।
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