भारतीय दंड संहिता आईपीसी में साइबर अपराधों से संबंधित प्रावधान | Provisions related to cyber crimes in Indian Penal Code IPC | Lesson-8 |

भारतीय दंड संहिता आईपीसी में साइबर अपराधों से संबंधित प्रावधान | Provisions related to cyber crimes in Indian Penal Code IPC |


 | Lesson-8 |


1. ईमेल के माध्यम से धमकी भरे संदेश भेजना - आईपीसी की धारा 503

2. ईमेल के माध्यम से ऐसे संदेश भेजना, जिससे मानहानि होती हो - आईपीसी की धारा 499

3. फर्जी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स का इस्तेमाल - आईपीसी की धारा 463

4. फर्जी वेबसाइट्स या साइबर फ्रॉड - आईपीसी की धारा 420

5. चोरी-छुपे किसी के ईमेल पर नजर रखना - आईपीसी की धारा 463

6. वेब जैकिंग - आईपीसी की धारा 383

7. ईमेल का गलत इस्तेमाल - आईपीसी की धारा 500

8. दवाओं को ऑनलाइन बेचना - एनडीपीएस एक्ट

9. हथियारों की ऑनलाइन खरीद बिक्री - आर्म्स एक्ट

एसोचैम ने साइबर क्राइम पर महिन एसएसजी के साथ मिलकर एक स्टडी की है। इसमें कहा गया कि 2015 में साइबर क्राइम के मामले 3 लाख तक हो जायेंगे। जबकि 2015 के प्रारंभ तक 1,49,254 मामले दर्ज थे। वर्ष 2011, 2012, 2013 और 2014 तक क्रमशः कुल 21,699, 27605, 28481, 48174 भारतीय वेबसाइट हैक होने के मामले सामने आये थे। जिसकी संख्या 2015 तक बढ़कर 85,000 हो गयी थी।


2021 साइबर क्राइम रिकॉर्ड

पिछले 18 महीनों में देश में साइबर क्राइम की 3,17,439 घटनाएं हुई हैं। इस अवधि में 5,771 FIR ऑनलाइन रजिस्टर्ड की गई हैं। साइबर क्राइम की ज्यादा घटनाएं महाराष्ट्र और कर्नाटक में हुई हैं। केंद्र सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी दी है।


21,562 घटनाओं के साथ कर्नाटक टॉप पर

28 फरवरी 2021 तक साइबर क्राइम की 3,17,439 घटनाएं रिकॉर्ड की गई हैं। इन घटनाओं से जुड़ी 5,771 FIR ऑनलाइन दर्ज की गई हैं। पोर्टल के डाटा के मुताबिक, 21,562 घटनाओं और 87 FIR के साथ साइबर क्राइम के मामले में कर्नाटक टॉप पर है।


राज्य सरकार की एजेंसियां करती है कार्रवाई

नेशनल पोर्टल पर दर्ज की जाने वाली घटनाएं और इनके FIR में बदलने के बाद संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की जांच एजेंसियां कार्रवाई करती हैं। गृह मंत्रालय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ लगातार विचार विमर्श करता है और पोर्टल पर दर्ज की गई साइबर क्राइम की घटनाओं के निपटारे के संबंध में निर्देश देता है।


कोविड-19 के दौरान 350% बढ़ा साइबर क्राइम

साल 2020 कोविड-19 महामारी के नाम तो रहा ही, इसके नाम का इस्तेमाल कर साइबर क्राइम भी खूब बढ़ा। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, सभी देशों में कोविड के दौरान साइबर क्राइम 350% बढ़ा है। कोविड से संबंधित डेटा की भी हैकिंग हुई। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ऐसा करवाने में सरकारें भी शामिल रही हैं। एक देश ने दूसरे देश में वायरस और वैक्सीन बनाने का डेटा तक हैक करवाया।


2019 में साइबर क्राइम से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को 1 ट्रिलियन डॉलर से ज्यादा का नुकसान

साइबर सिक्योरिटी फर्म मैकेफी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2019 में साइबर क्राइम की घटनाओं के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं को 1 ट्रिलियन डॉलर करीब 73 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह ग्लोबल GDP का 1% से ज्यादा है। वहीं, 2018 में हुए 600 बिलियन डॉलर के नुकसान से 50% से ज्यादा है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में दो-तिहाई कंपनियों ने साइबर क्राइम की घटना का सामना किया था।

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