What is cyber law? Cyber Law क्या है | lesson -5 |

 What is cyber law? Cyber Law क्या है |


| lesson -5 |


साइबर लॉ (Cyber Law) :-

साइबर लॉ एक ऐसी विधि या कानून है जो कि साइबर स्पेस एवं उसमें होने वाली क्रियाओं का सुचारू रूप से संचालन करता है। शब्द ‘‘साइबर लॉ’’ दो शब्दों से मिलकर बना है साइबरलॉ जिसमें साइबर का तात्पर्य ‘संसूचना तथा लॉ तात्पर्य’ विधि या कानून से है। अतः साइबर लॉ का अर्थ ( संसूचना से संबंधित कानून ) है। इसमें संसूचना का तात्पर्य लोगों की सूचना के आदान-प्रदान एवं विधि का तात्पर्य उन नियमों व अधिनियमों से है जो शासन द्वारा गठित किये हो।


Cyber ​​law Defination :-

Cyber ​​law is a law that governs the smooth functioning of cyberspace and the actions that take place there in. The word "cyber law" is made up of two words cyber and law in which cyber means "communication and law" means law. Hence the meaning of cyber law (law related to communication). In this, communication means exchange of information of people and law means those rules and regulations which are constituted by the government.


साइबर लॉ का विस्तार क्षेत्र :-

साइबर लॉ में निम्नलिखित विषयों का अध्ययन किया जाता है -

1. सूचना का आदान-प्रदान

2. इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड

3. डिजिटल सिग्नेचर

4. साइबर क्राइम

5. बौद्धिक संपदा

6. प्राइवेशी व डाटा सुरक्षा

7. ई-कॉमर्स का संचालन।


साइबर लॉ में उपर्युक्त कार्यों के संचालन हेतु नियम व साइबर क्राइम के लिये सजा को पारिभाषित किया जाता है।

भारतीय साइबर लॉ का विकास :-

भारत में साइबर लॉ का विकास "सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000" के रूप में 17 अक्टूबर 2000 को हुआ। जिसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को सामान्य दस्तावेजों की तरह मान्य करना, इलेक्ट्रॉनिक व्यवसाय (E-Commerce) का सही रूप से संचालन तथा साइबर क्राइम के लिये उपयोग करना, डाटा चोरी या नष्ट करना, चोरी के कम्प्यूटर उपकरण खरीदना, कम्प्यूटर से अपराध करना या अश्लीलता जैसे साइबर क्राइम के लिये दंड निर्धारित है। अधिनियम में अपराधियों को सजा देने के साथ-साथ पीड़ित को मुआवजा देने का भी प्रावधान है।


जिसके लिये एक विशेष न्यायालय न्यायनिर्णायक अधिकारी (The court of Adjudicating officer ) तथा ( Telecom Disputes Seltlement and appellate tribunal ) का गठन किया गया है। जहाँ साइबर अपराध से हुये नुकसान की भरपाई के लिये पीड़ित व्यक्ति सीधे आवेदन कर सकते हैं। जिसका छः महीनों की समयावाधि में आना निहित है।


साइबर लॉ के विकास क्षेत्र में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के गठन पश्चात् अन्य भारतीय अधिनियमों में भी संशोधन किया गया है। जैसे भारतीय दंड संहिता, कॉपीराइट अधिनियम, भारतीय साक्ष्य अधिनियम, बैंकर्स बुक एविडेंस एक्ट इत्यादि में साइबर क्रियाओं के अनुरूप नये नियमों को जोड़ा गया है।

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